अपने नेता सुब्रमण्यम स्वामी से ही दूरी बनाए है भाजपा, क्यों?
भारतीय जनता पार्टी नेता, राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी के नैनीताल आगमन पर भाजपा नेताओं ने उनसे दूरी बनाए रखी। पदाधिकारी और भाजपा कार्यकर्ता न तो उनका स्वागत करने पहुंचे और ना ही विदाई देने। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि ऐसा करने के लिए उन्हें ऊपर से निर्देश मिले थे। 
 

स्वामी सोमवार शाम नैनीताल पहुंच गए थे। हाईकोर्ट में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन एक्ट को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद लौट गए। इस दौरान उन्होंने दो बार पत्रकार वार्ता की और हाईकोर्ट बार भवन में अधिवक्ताओं से भी मिले।


दिल्ली में हो सेना की तैनाती



स्वामी भाजपा की प्रदेश सरकार की ओर से लाए गए एक्ट के ही खिलाफ जनहित याचिका दायर करने हाईकोर्ट पहुंचे थे। इस बात से भाजपा और त्रिवेंद्र सरकार की स्थिति असहज हो गई। इसी वजह से भाजपाइयों ने उनका अघोषित बायकॉट किया था। 

नैनीताल पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी दिल्ली में लगातार चल रहे हिंसक आंदोलन का अपडेट लेते रहे। सुनवाई से बाहर आते ही उन्होंने दिल्ली के हालातों पर चिंता जताते हुए वहां सेना की तैनाती की मांग की। स्वामी ने कहा कि सीएए के खिलाफ आंदोलन राष्ट्रविरोधी है।

सीएए विरोधी आंदोलन से निपटने के लिए राजनाथ सिंह को अमित शाह को दिल्ली में सेना की तैनाती की सलाह देनी चाहिए। इस हिंसा का अंत करना लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है। स्वामी ने इस मामले में बाकायदा ट्वीट कर अपने विचार रखे।